You are the solution!

आप

बिजली बचाएं

Cleaner energy means a healthier environment

ऐसे कई तरीक़े हैं जिनसे आप घर और स्कूल में अपना कार्बन फुटप्रिंट कम कर सकते हैं। पहला है बिजली बचाना। जब आप इस्तेमाल न कर रहे हों तब लाइट और दूसरे विद्युत उपकरणों को बंद कर दें। ज़्यादा ऊर्जा ख़र्च करने वाले उत्पादों की जगह कम ऊर्जा की खपत करने वाले उत्पाद इस्तेमाल करें। ऐसे सुझाव दें जिससे कि आपका स्कूल, कार्यस्थल या घर नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होने लगें।

हरित परिवहन (ग्रीन ट्रांसपोर्ट)

Reduce your emissions!

परिवहन के ऐसे साधन खोजें जो बिना ईंधन के चलते हों। अगर सुरक्षित हो कम दूरी के लिए कार या मोटरबाइक निकालने की जगह साइकिल का इस्तेमाल करें या पैदल चलकर जाएं। लंबी यात्रा के लिए बस और ट्रेन जैसे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन पर आ सकते हैं तो और भी बढ़िया या अपनी सरकार को ज़्यादा और बेहतर सार्वजनिक परिवहन के लिए कहें।

आहार

Climate change threatens food security

जब भोजन की बात आती है तो देखें कि क्या आप अपने आहार से कुछ मांसाहार और डेयरी उत्पाद कम कर सकते हैं? खाने को उचित तरीक़े से स्टोर करें ताक़ि खाना बर्बाद न जाए।

रिडूस, रीयूज़, रीसायकल

Climate change affects water quality and quantity

एक पुरानी कहावत है कम उपयोग करो (रिडूस), पुन: इस्तेमाल करो (रीयूज़ )और बेकार की चीज़ों को फिर से इस्तेमाल के लायक बनाओ (रीसायकल)। जब सामान ख़रीदने की बारी आती है तो कम मात्रा में और ज़्यादा टिकाऊ उत्पादों का इस्तेमाल करने की कोशिश करें, साथ ही जो पहले से आपके पास है उसका फिर से इस्तेमाल करें और रचनात्मक तरीक़े से उसे प्रयोग में लाने के लिए नए-नए आविष्कार करें, ये मज़ेदार हो सकता है। जब किसी चीज़ को फेंकने का समय आता है तो उसे फिर से इस्तेमाल लायक बनाने (रीसायकल) की कोशिश करें। प्लास्टिक चैलेंज को पूरा करके प्लास्टिक की खपत के प्रभाव के बारे में ज़्यादा सीखें और आज ही प्लास्टिक टाइड टर्नर संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर करें।

आवाज़ उठाएं

It is not too late!

लेकिन जहां आप रह रहे हों वहां अगर सार्वजनिक परिवहन के साधन न हों तब? चीज़ों को रीसायकल करने के लिए या अक्षय ऊर्जा हासिल करने के लिए कोई जगह नहीं है? यही वो समय है जहां सबसे असरदार कार्रवाई आती है- ‘एडवोकेसी’ यानी सिफ़ारिश। सिफ़ारिश मतलब सरकारों, शहर परिषदों और निगमों के मुख्य अधिकारियों को यह बताना कि आप चाहते हैं कि वो काम करें।

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