क़ानून और संधि
हम सरकारों और कंपनियों को उन समाधानों को लागू करने के लिए कैसे तैयार करते हैं जो हम चाहते हैं? जवाब है क़ानून बनाकर। कार्बन टैक्स या ‘कैप ऐंड ट्रेड’ जैसे क़ानून इस बात पर नज़र रखते हैं कि एक उद्योग कितना उत्सर्जन कर सकता है। इसके अलावा, वो संधि भी महत्वपूर्ण हैं जिनके तहत देश एक साथ अपने उत्सर्जन कम करने के लिए राज़ी होते हैं। इन संधियों से देशों को कार्बन उत्सर्जन में कटौती के उचित तरीक़ों पर सहमति बनाने में मदद मिलती है।
इन सभी संधियों में सबसे महत्वपूर्ण जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) है। शायद आपने पेरिस समझौते का नाम सुना होगा। साल 2015 में पेरिस समझौता हुआ था, जब कई वर्षों की बातचीत के बाद दुनियाभर के देश अपना उत्सर्जन कम करने को तैयार हुए थे। हालांकि, उनकी प्रतिबद्धताएं स्वैच्छिक हैं, देशों को अपने यहां इसे क़ानून में बदलने की ज़रूरत है, और आदर्श रूप से 2021 की अगली बातचीत में उत्सर्जन को और कम करने पर सहमत होना चाहिए।